आरोन:जनसेवा टीम आरॉन के सक्रिय सदस्य, पत्रकार मिथुन शर्मा की तत्परता और ईश्वर के संकेत से, ग्राम मूडरा खुर्द निवासी राजाराम सहरिया को समय पर रक्त की व्यवस्था होने से नया जीवन मिला है। राजाराम सहरिया हीमोग्लोबिन मात्र 2.5 रह जाने के कारण जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
जनसेवा टीम के मिथुन शर्मा ने बताया कि मंगलवार सुबह उन्हें अचानक बेचैनी महसूस हुई और वे आरॉन अस्पताल पहुंचे। वहाँ उन्होंने देखा कि मूडरा खुर्द निवासी राजाराम सहरिया को हीमोग्लोबिन की अत्यधिक कमी है। डॉक्टर ने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति का हीमोग्लोबिन 12 होना चाहिए, जबकि राजाराम का हीमोग्लोबिन सिर्फ 2.5 था। डॉक्टर ने उन्हें तुरंत बड़े अस्पताल रेफर करने को कहा, लेकिन मिथुन शर्मा ने तुरंत रक्त की व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया।
इसी दौरान, मिथुन शर्मा को अचानक सचिन शर्मा जी का फोन आया, जिन्होंने रक्तदान करने की इच्छा व्यक्त की। मिथुन शर्मा ने इसे ईश्वर का संकेत माना कि मानो ईश्वर ने उन्हें अचानक अस्पताल भेजा और उसी पल जरूरतमंद के लिए रक्तदान का कॉल आ गया।
रक्त की अत्यंत आवश्यकता
डॉक्टरों के अनुसार, राजाराम को कुल 6 यूनिट रक्त की आवश्यकता थी। खबर लिखे जाने तक तीन यूनिट रक्त तो लगा दिया गया था, लेकिन 3 यूनिट और रक्त की तत्काल आवश्यकता थी। टीम ने स्पष्ट किया कि रक्त की अत्यंत आवश्यकता है और अगर रक्त नहीं मिला तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है। जनसेवा टीम आरॉन ने लोगों से मानवता की इस पहल में जुड़कर राजाराम सहरिया के लिए रक्तदान करने की अपील की।
रक्तदाताओं ने दिया जीवनदान
जनसेवा टीम आरॉन और रक्तदान करने वाले रक्तवीरों के अथक प्रयास से राजाराम सहरिया को रक्त की व्यवस्था हो गई। एक अन्य अपडेट में मिथुन शर्मा ने बताया कि आप सभी के सहयोग से राजाराम सहरिया अब स्वस्थ हैं। उन्हें अब तक तीन यूनिट रक्त लग चुका है और शरीर में कमजोरी के हिसाब से उन्हें प्रतिदिन एक यूनिट रक्त दिया जा रहा है। मिथुन शर्मा उनके संपर्क में हैं और उनके बेटे ने बताया कि अब उनकी तबीयत पहले से बेहतर है। उन्हें कल एक और यूनिट रक्त लगेगा।
जनसेवा टीम आरॉन ने सभी रक्तवीरों का आभार व्यक्त किया और उन्हें अनंत बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। रक्तदाताओं के सहयोग से ही एक व्यक्ति को जीवनदान मिल सका।