गुना में पूर्व सैनिक गार्डों से मारपीट और विद्युत विभाग के कार्य में बाधा: एफआईआर दर्ज कराने में कथित राजनीतिक दबाव से सनसन:गुना!

Ksarkari
KSarkari
0


गुना, मध्य प्रदेश: ज़िले धरनावदा थाना अंतर्गत चिल्का पुलिया के पास में विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों (जो भारतीय सेना के पूर्व सैनिक हैं) के साथ मारपीट और शासकीय कार्य में बाधा डालने का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसने ज़िले के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।


(आवेदन के अनुसार):दिनांक 15/10/2025 को लगभग 03:00 बजे दोपहर के समय, गुना (म.प्र.) में विद्युत वितरण कंपनी के डीटीआर (ट्रांसफार्मर) उतारने और बकाया राशि ₹1,51,635/- (एक लाख इक्यावन हज़ार छह सौ पैंतीस रुपये) की वसूली के लिए गए विद्युत विभाग के कर्मचारियों/गार्ड्स के साथ कथित रूप से हाथापाई, मारपीट और शासकीय कार्य में बाधा डालने की घटना हुई।

शिकायतकर्ता (गार्ड रणजीत सिंह भदौरिया, पूर्व सैनिक) के अनुसार, बिजली बकायेदारों ने टीम के कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और हाथापाई की। आरोप है कि उन्होंने पूर्व सैनिक गार्ड रणजीत सिंह भदौरिया के सिर पर चोट पहुंचाई और बंदूक छीनने की कोशिश की, जिससे बंदूक की बेल्ट फट गई और बड़ी वर्दी फट गई। उन्होंने कथित तौर पर जान से मारने की धमकी भी दी।


एफआईआर दर्ज कराने में देरी और विरोध प्रदर्शन:

इस घटना के बाद, पूर्व सैनिक गार्ड रणजीत सिंह भदौरिया ने रुठियाई चौकी, थाना धरनावदा में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। हालांकि, 15/10/2025 की रात से 17/10/2025 (सुबह 4:00 बजे तक) लगातार प्रयास के बावजूद, एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई।


पूर्व सैनिक को चप्पल मारता व्यक्

ति

16 अक्टूबर 2025 की शाम को, घायल गार्ड और अन्य पूर्व सैनिक गार्ड्स पुलिस चौकी रुठियाई के बाहर विरोध प्रदर्शन करते और बयान देते हुए दिखाई दिए। वायरल हुए वीडियो में, पूर्व सैनिक समूह के प्रतिनिधि यह आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं कि एफआईआर दर्ज न करने के लिए पुलिस पर किसी बड़े राजनीतिक नेता का दबाव है। उन्होंने यह भी बताया कि 19-20 साल देश की सेवा करने के बाद, आज उन्हें न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है और पुलिस उनकी बात नहीं सुन रही है। थाना प्रभारी द्वारा भी कथित तौर पर 'ऊपर से दबाव' होने की बात कही गई है।

मीडिया और न्याय की मांग:

यह मामला न केवल शासकीय कार्य में बाधा और मारपीट का है, बल्कि देश के पूर्व सैनिकों के अपमान और राजनीतिक हस्तक्षेप के गंभीर आरोपों को भी उठाता है, जिसके कारण न्याय में देरी हो रही है।

Tags:

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!