आरोन
जैन मुनि दुर्लभ सागर जी महाराज ने स्वयं सेवियों को किया संबोधित,
सत्य के लिए जान दे देना लेकिन अपने आपको झूठ के साथ मत जोड़ना
आरोन: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरोन ने विजयादशमी के पावन पर्व पर अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने का शताब्दी वर्ष समारोह भव्य तरीके से मनाया। इस अवसर पर आरोन के विभिन्न मार्गों से स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में विशाल पथ संचलन निकाला, जिसमें संगठन के प्रति उनकी राष्ट्रभक्ति और अनुशासन का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला।
अनुशासन और एकता का प्रतीक
संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित इस पथ संचलन में हजारों की संख्या में स्वयंसेवकों ने भाग लिया। बाल स्वयंसेवकों से लेकर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं तक, सभी ने एक समान गणवेश, सफेद कमीज़, खाकी पैंट, काली टोपी और दंड के साथ कदम ताल मिलाया। यह संचलन जहाँ से भी गुज़रा, लोगों ने पुष्प वर्षा कर उसका भव्य स्वागत किया ।
कार्यक्रम के समापन के दौरान आचार्य दुर्लभ सागर जी महाराज द्वारा स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए बताया कि सत्य के मार्ग भले कठिन हो लेकिन छोड़ना नहीं चाहिए दूसरों की निंदा नहीं करनी चाहिए बल्कि उन्हें सम्मान देना चाहिए इससे आप को सम्मान खुद वा खुद मिलने लगेगा
साथ ही आचार्य श्री ने ये भी बताया कि जो मनुष्य मौन रहना सीख जाता है उसके अंदर की ऊर्जा बढ़ने लगती है
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