आरोन: शासकीय महाविद्यालय आरोन में भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ द्वारा दिनांक 10-10-2025 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में प्राचीन भारतीय परम्परा में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण अवधारणाएँ एवं वर्तमान संदर्भ में मानसिक स्वास्थ्य का महत्व विषय पर व्यख्यान एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. ए. के. मुदगल के उदबोदन से हुआ इसके उपरांत वरिष्ठ प्राध्यापक सुश्री महाविद्या उपाध्याय ने कहा कि आजकल छात्र बहुत तनाव लेते है और छोटी छोटी परेशानी में आत्महत्या तक के कदम उठा लेते है जो कि सही नही है छात्र सही दिशा में कदम उठाएं और सफलता प्राप्त करें। इसके बाद मुख्य वक्ता शासकीय अस्पताल आरोन में पदस्थ डॉ. अविनाश रघुवंशी ने अपने व्यख्यान में कहा कि छात्र के तनावग्रस्त होने के कई कारण है उन्होंने उनके लक्षण भी बताए तथा कौन कौन से मानसिक रोग है विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा आज छात्र अगर तनाव में है तो उनके अभिभावक भी इसके जिम्मेदार है। उन्हें अपने बच्चों पर नज़र रखनी चाहिए ताकि मानसिक रोग जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सके। कार्यक्रम में अग्रेज़ी विभाग की प्राध्यापक डॉ सीमा कुरैशी ने कहा बच्चों के तनाव में रहने के कई कारण हैं शिक्षक अगर बच्चों को प्राइमरी स्तर पर ही सही जानकारी दे दे तो हम बहुत कुछ बदल सकतें है। डॉ मीना ने कहा सभी बीमारियों में मानसिक बीमारी बहुत खतरनाक है इसमें आदमी अकेला हो जाता है। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. रविकांत ने किया उन्होंने कहा कि “एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क वास करता हैं। “ हमें बच्चों पर कोई भी चीज़ थोपनी नहीं चाहिए उनको हर काम रुचि अनुसार करने देना चाहिए ताकि बच्चे तनाव महसूस न करें और अच्छा प्रदर्शन कर सकें। कार्यक्रम में आभार श्री सतीश मस्तकार ने किया। कार्यक्रम में सभी प्राध्यापक एवं भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
जिला ब्यूरो चीफ
मिथुन शर्मा की रिपोर्ट